श्रापित - एक अधूरी प्रेम कहानी - भाग 1 DINESH DIVAKAR द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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श्रापित - एक अधूरी प्रेम कहानी - भाग 1

आज से 2 साल पहले मैं अपने दोस्त की शादी में गया था जब मैं वहां पहुंचा तो मैने देखा मेरे दोस्त वहां पहले से ही मौजूद थे जब हम कॉलेज में थे तो हम बहुत शरारत किया करते थे उन्हें देखकर मैं बहुत खुश हुआ.

शादी के 2 दिन गुजरने के बाद तीसरे दिन हम बारात लेकर दुल्हन के घर पर पहुंच गए उन्होंने हमारा स्वागत किया और अंदर ले गए जब शादी के फेरे हो रहे था.

तब मेरी नजर एक खूबसूरत लड़की पर पड़ी उसे देखकर ऐसा लगा कि वह स्वर्ण की अप्सरा हो, सुनहरे बाल,काली काली आंखें, सुंदर चेहरा अब उसकी खूबसूरती का मैं क्या बखान करूं ऐसा लग रहा था कि भगवान ने उसे बहुत फुर्सत से बनाया हो.

उस पर मेरी पहली नजर पड़ी तो मैं सब कुछ भूल गया और उसे ही दिखने लगा तो उसकी नजर भी मुझ पर पड़ी और वहां से उठ कर चली गई मैं उसके पीछे गया वह जहां भी जाती मैं उसके पीछे पीछे चला जाता तो उसने रुक कर बोली-क्या बात है तुम मेरा पीछा क्यों कर रहे हो?

उसकी आवाज सुनकर में पागल हो रहा था

तब उसने मुझसे फिर पूछा क्या हुआ तुम मेरे पीछा क्यों कर रहे हो.

तब मैंने बोला जानू आज 22 साल तक मै सिर्फ पढ़ाई करके अपने मां बाप का नाम रोशन करना चाहता था अपने दोस्तों के साथ रहना चाहता था

लेकिन जब से मैंने तुमको देखा है सब कुछ भूल गया हूं ऐसा लगता है कि यह दिल तुमने चुरा लिया है क्या तुम मेरे साथ सात जन्मो तक ही नहीं बल्कि हजार जन्म तक तुम मेरे दिल की रानी बनोगी.
क्या तुम मुझसे शादी करोगी

तब उसने जवाब दिया-ओह हेलो अभी 10 मिनट ही तो हुए हैं हमको मिले हुए मैं ऐसे कैसे किसी को अपना दिल दे दू.

तो मैंने बोला जानू तुम दिल को मुझको ही दोगी क्योंकि तुम कहो ना कहो तुम्हारी आंखें सब कुछ बयां कर रही हैं यह 10 मिनट तुम भूलकर भी भूल ना पाओगे और मुझे ढूंढते हुए जरूर मेरे पास आओगी

चलता हूं और हां आई लव यू बेबी अरे हां मैंने तो तुम्हारा नाम ही नहीं पूछा मेरा नाम है प्रेम और तुम्हारा नाम क्या है
तब उसने बोला- क्यों बताऊं अगर तुम्हारा प्यार सच्चा है तो खुद पता लगा लो
तो मैने बोला चलो कोई बात नहीं मैं ही तुम्हारा नाम रख देता हूं अमृता

शायद भगवान भी यही चाहते थे अगले दिन से हम दोनों कहीं ना कहीं मिलने लगे धीरे-धीरे वह भी मुझसे प्यार करने लगी और एक दिन अमृता ने बोला आई लव यू टू उसके अगले दिन मुझे कंपनी की तरफ से बाहर जाना पड़ा.

अमृता उदास थी तो मैंने उसे समझाया तुम मेरी चिंता मत करो मैं जल्दी ही आ जाऊंगा

और बाहर जाकर मैं अपना काम खत्म करने लगा वापस लौट ही रहा था कि एक गांव में मैंने पोस्टर देखा मैं दंग रह गया उसने अमृता की फोटो थी और उसके फोटो के नीचे उसकी मौत कि खबर लिखा हुआ था

मेरे पैरों तले जमीन खिसक गया मैने वहां की एक बुजुर्ग से पूछा यह लड़की कौन है तब उस बुजुर्ग आदमी ने बताया कि यह लड़की इसी गांव की है इसका नाम सोनिया है इसे मरे 2 साल हो गए हैं

तब मुझे लगा कि यह सब मेरा वहम हो शायद ऐसे ही दो लड़कियां हो मैं यह सोचते सोचते घर पहुंचा और सुबह सुबह उससे मिलने चला गया उसके घर पहुचा तो मैंने देखा कि दरवाजा खुला था और अमृता सेब काट रही थी और जल्दी जल्दी काटने की वजह से उसकी उंगली कट गई मैंने देखा मैं तो उसकी उंगलियों से ना तो खून निकल रहा था और ना ही अमृता को दर्द हो रहा था तभी लाइट चली.

उसने मोमबत्ती जलाई तो मैंने देखा दीवार पर उसकी परछाई एकदम ढरावनी बनी थी एकदम भुत जैसा और तभी उसकी नजर मुझ पर पडी वो उडकर मेरे पास आ ग‌ई